कविता भी तो स्त्री हैं, कोई उसे सुनता ही नहीं है | हिंदी Poetry

"कविता भी तो स्त्री हैं, कोई उसे सुनता ही नहीं है ।। और यदि सुनते भी हैं, तो समझते नहीं हैं ....... सब उसके प्रेमी हैं दोस्त कोई भी नहीं।। ©parul Kourav"

 कविता भी तो स्त्री हैं, 
कोई उसे सुनता ही नहीं है ।। 
और यदि सुनते भी हैं, तो समझते नहीं हैं ....... 
सब उसके प्रेमी हैं दोस्त कोई भी नहीं।।

©parul Kourav

कविता भी तो स्त्री हैं, कोई उसे सुनता ही नहीं है ।। और यदि सुनते भी हैं, तो समझते नहीं हैं ....... सब उसके प्रेमी हैं दोस्त कोई भी नहीं।। ©parul Kourav

#Man ki bat... 💕🌸🔥

People who shared love close

More like this

Trending Topic