कोई पूछे कि इश्क क्या है तो बता देना।
ले लो तस्वीर उस पागल को दिखा देना।
आप सोए हैं चैन से जो सेबिस्ता में।
मैं जगा हूं है मोहब्बत या सजा देना।
देन है तेरा तो जिंदगी को कबूला मैंने।
जिंदगी और को ऐसी नहीं खुदा देना।
वो चुप हैं, कुछ तो कहेंगे था यकीं मुझको।
है अदावत जो मेरा जाकर उन्हें सुना देना।
जिक्र ए सियासत से डर तो बहुत लगता है।
मार ना डाले अरे मुझको कहीं छिपा देना।
जिस्म नुचेगी नहीं बेटी की मगर "दीपक"
हाथ में खंजर ये लो उसे थमा देना।
जिस्म नुचेगी नहीं बेटी की मगर "दीपक"!
हाथ में खंजर ये लो उसे थमा देना।।
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