जीत के जहान को भी
मैंने ये बाजी हारी हैं
मैं जानता हूँ तेरी हर एक
बात प्यारी हैं तू हर एक
जहां से न्यारी हैं....
जो मैं लुट गया तेरे प्यार मैं
ये इक तेरी वफ़ादारी हैं
वरना हम बात करते हैं
कहा किसी से.........
चारो तरफ यहाँ गद्दारी ही
गद्दारी हैं........
©M.K.Gautam
# जीत के जहान को भी
मैंने ये बाजी हारी हैं