कल से सीखो कि, बीता कल बीत गया है नहीं कुछ उसके पा | हिंदी कविता

"कल से सीखो कि, बीता कल बीत गया है नहीं कुछ उसके पास हमें देने के लिए, एक लंबी सूची के सिवाय- है यह सूची हमारे गलत सही कर्मों की- करें गर इस सूची को नज़रअंदाज़ आने वाला कल क्षमा न करेगा हमें- मौका देती है ज़िन्दगी ज़रूर मगर बार बार नहीं- दे देें हम चाहे इसे तकदीर का नाम पर उस सूची का मान ही करेगा हमारी तकदीर का आह्वान!"

 कल से सीखो कि, बीता कल बीत गया
है नहीं कुछ उसके पास
हमें देने के लिए,
एक लंबी सूची के सिवाय-
 है यह सूची 
हमारे गलत सही कर्मों की-
करें गर इस सूची को नज़रअंदाज़
आने वाला कल क्षमा न करेगा हमें-
मौका देती है ज़िन्दगी ज़रूर
मगर बार बार नहीं-
दे देें हम चाहे इसे तकदीर का नाम
पर उस सूची का मान ही
करेगा हमारी तकदीर का आह्वान!

कल से सीखो कि, बीता कल बीत गया है नहीं कुछ उसके पास हमें देने के लिए, एक लंबी सूची के सिवाय- है यह सूची हमारे गलत सही कर्मों की- करें गर इस सूची को नज़रअंदाज़ आने वाला कल क्षमा न करेगा हमें- मौका देती है ज़िन्दगी ज़रूर मगर बार बार नहीं- दे देें हम चाहे इसे तकदीर का नाम पर उस सूची का मान ही करेगा हमारी तकदीर का आह्वान!

कल से सीखो,कि...
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