गुजर रही है उम्र,
पर जीना अभी बाकी हैं।
जिन हालातों ने पटका है जमीन पर,
उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी हैं।
चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं,
मन्जिल को पाना अभी बाकी हैं,
कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी है।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी,
मेरा वक्त आना अभी बाकी है,
कर रहे है सवाल मुझे जो loser समझ कर,
उन सबको जवाब देना अभी बाकी है।
निभा रहा हूँ अपना किरदार जिदंगी के मंच पर
परदा गिरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी है,
कुछ नहीं गया हाथ से अभी तो, दीप
बहुत कुछ पाना बाकी हैं…✍️
©pandey Vivek Kumar
#जिंदगी_का_सफर