उड़ान हर कोई ख्वाब देखे ऊँची उड़ान के चक्कर लगाए व | हिंदी कविता

"उड़ान हर कोई ख्वाब देखे ऊँची उड़ान के चक्कर लगाए वो भी कई आसमान के हिम्मत करे वो जिसको पंखों पे भरोसा घर से वो निकलता है कुछ मन में ठान के रोकेंगे राह हरदम पागल हवा के झोंके रुकना नहीं है हमको कभी हार मान के बेखुद उड़ान भरके आयेगा तब मजा आँधी को हरा कर हम घूमेंगे शान से ©Sunil Kumar Maurya Bekhud"

 उड़ान
हर कोई ख्वाब देखे
ऊँची उड़ान के
चक्कर लगाए वो भी
कई आसमान के

हिम्मत करे वो जिसको
पंखों पे भरोसा
  घर से वो निकलता है
कुछ मन में ठान के

रोकेंगे राह हरदम
पागल हवा के झोंके
रुकना नहीं है हमको
कभी हार मान के

बेखुद उड़ान भरके
आयेगा तब मजा
आँधी को हरा कर हम
घूमेंगे शान से

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

उड़ान हर कोई ख्वाब देखे ऊँची उड़ान के चक्कर लगाए वो भी कई आसमान के हिम्मत करे वो जिसको पंखों पे भरोसा घर से वो निकलता है कुछ मन में ठान के रोकेंगे राह हरदम पागल हवा के झोंके रुकना नहीं है हमको कभी हार मान के बेखुद उड़ान भरके आयेगा तब मजा आँधी को हरा कर हम घूमेंगे शान से ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#उड़ान

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