मेहनत का तजुर्बा लेकर हर रात में पढ़ता हूं ! आसमां | हिंदी Poetry Vide

"मेहनत का तजुर्बा लेकर हर रात में पढ़ता हूं ! आसमां से ऊपर खुआब है , मेरे पलके किताबो पर ही रखता हूं ! राते बीत जाती है ,आसियाने में किताबों के सहारे मेरी ! मंजिल दूर है मुझसे मैं मानता हूं , पर जिंद है मेरी हकीकत में उसे पाने की ! पता है मेहनत करनी है , मुझे भविष्य को रोशन बनाने की ! उम्मीद की ज्वाला लेकर हर बार मुश्किलों से लड़ना है ! शत प्रतिशत सत्य है , मेरा जीवन अर्पण तुझ पर ही करना है ! RAS बनने की चाह दिल और दिमाग़ से उतरी नहीं है ! तभी तो RAS बनकर इस शहर से मिलना है !! ©KAVI ANDAAZ "

मेहनत का तजुर्बा लेकर हर रात में पढ़ता हूं ! आसमां से ऊपर खुआब है , मेरे पलके किताबो पर ही रखता हूं ! राते बीत जाती है ,आसियाने में किताबों के सहारे मेरी ! मंजिल दूर है मुझसे मैं मानता हूं , पर जिंद है मेरी हकीकत में उसे पाने की ! पता है मेहनत करनी है , मुझे भविष्य को रोशन बनाने की ! उम्मीद की ज्वाला लेकर हर बार मुश्किलों से लड़ना है ! शत प्रतिशत सत्य है , मेरा जीवन अर्पण तुझ पर ही करना है ! RAS बनने की चाह दिल और दिमाग़ से उतरी नहीं है ! तभी तो RAS बनकर इस शहर से मिलना है !! ©KAVI ANDAAZ

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