अपनी जिंदगी की कुछ अलग ही वसूला अरे अपनी जिंदगी का
"अपनी जिंदगी की कुछ अलग ही वसूला अरे अपनी जिंदगी का तो कुछ अलग ही वसूल है तेरे लिए तो कांटे भी कबूल है तेरे लिए तो कांच के टुकड़ों पर भी जल्द है अगर तू कह दे यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं"
अपनी जिंदगी की कुछ अलग ही वसूला अरे अपनी जिंदगी का तो कुछ अलग ही वसूल है तेरे लिए तो कांटे भी कबूल है तेरे लिए तो कांच के टुकड़ों पर भी जल्द है अगर तू कह दे यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं