जब श्याम राधा का ना हो सका, तो तुम मेरे कैसे हो जा
"जब श्याम राधा का ना हो सका,
तो तुम मेरे कैसे हो जाते।
सफर अधूरा रहा तो क्या हुआ,
रुकमणी के रूप में भी तुम्हें पा ना सके।
इतना तो नाराज़ नहीं है ऊपरवाला हमसे,
जो तुम्हें मीरा की तरह भी चाह ना सके।
- निशा त्यागी"
जब श्याम राधा का ना हो सका,
तो तुम मेरे कैसे हो जाते।
सफर अधूरा रहा तो क्या हुआ,
रुकमणी के रूप में भी तुम्हें पा ना सके।
इतना तो नाराज़ नहीं है ऊपरवाला हमसे,
जो तुम्हें मीरा की तरह भी चाह ना सके।
- निशा त्यागी