दहेज और दुल्हन कल ही बारात आई थी, मेहंदी रंग लाई | हिंदी Shayari

"दहेज और दुल्हन कल ही बारात आई थी, मेहंदी रंग लाई थी, पिया मन भाई थी, अभी मेहंदी उतर भी नहीं पाई थी, सवेरे अस्पताल पे पड़ी पाई थी, पुलिस भी आई थी, ऐसीडेंट रिपोर्ट लाई थी, दुनिया से उसकी विदाई थी, लेकिन यही सचाई थी, देहज कम लाई थी....!! ©Rachit Kulshrestha"

 दहेज और दुल्हन 

कल ही बारात आई थी,
मेहंदी रंग लाई थी, 
पिया मन भाई थी, 
अभी मेहंदी उतर भी नहीं पाई थी, 
सवेरे अस्पताल पे पड़ी पाई थी, 
पुलिस भी आई थी, 
ऐसीडेंट रिपोर्ट लाई थी, 
दुनिया से उसकी विदाई थी, 
लेकिन यही सचाई थी, 
देहज कम लाई थी....!!

©Rachit Kulshrestha

दहेज और दुल्हन कल ही बारात आई थी, मेहंदी रंग लाई थी, पिया मन भाई थी, अभी मेहंदी उतर भी नहीं पाई थी, सवेरे अस्पताल पे पड़ी पाई थी, पुलिस भी आई थी, ऐसीडेंट रिपोर्ट लाई थी, दुनिया से उसकी विदाई थी, लेकिन यही सचाई थी, देहज कम लाई थी....!! ©Rachit Kulshrestha

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