मैं अकेली भी हुई पर फिर भी मैं चलती रही,
सभी खुश नहीं हुए मुझसे हर जगह,
उनमे से कुछ को हर वक़्त मैं खलती रही,
जब भी चढ़ी मैं कामयाबियों के शिखर पर,
बस फिर क्या ये तो दुनिया थी और ये जलती रही,
रुकी नहीं मैं किसी से खामियां सुनकर,
मैं हर दिन मेरे पापा के नाजों में पलती रही..
©Sarah Moses
#NojotoTurns5