एक चेहरा बदलने के लिए उसने कितनी दफा चहरा बदला,
नाम ,पता, घर और फिर रस्ता बदला,
पूछता है कोई खामोशी की वजह,
बता नहीं सकता एक शख्स के बदलने से
न जाने मेरा कितना कुछ बदला।।
गुमनाम हो गया होगा वो लोगों की नजर में,
मैं जानता हूं उसने चेहरा बदला बस उन बोलती निगाहों को नहीं बदला।।
©sukoon
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