अघवाये हमका बहुत बापु कहि रहा रोय, धरि किताब मूड़े

"अघवाये हमका बहुत बापु कहि रहा रोय, धरि किताब मूड़े तरे जात लरिकवा सोय। गुरुजी जात लरिकवा सोय।। प्राइमरी मा जाय हम नाव दीन लिखवाय, टिचरन का नाकन चना दिहिनि सिवहुं चबवाय। गुरूजी दिहिनि सिवहुं चबवाय।। कपड़ा लोहा लाट हम हरदम देइ मगाय, दुइ महिना बीतति नहीं फारिक देत बहाय। गुरूजी फारिक देत बहाय।। लरिकन ते झगड़ा करइ खुदइ बढ़ावइ रारि, बार बार समझाय कै गे सब टीचर हारि। गुरूजी गे सब टीचर हारि।। टीसी लइकय आयगा भा चौगिरदा नाम, कैसे दसवां पास भा यहिका जानै राम। गुरूजी यहिका जानै राम।। ©Vineet Kumar"

 अघवाये हमका बहुत बापु कहि रहा रोय,
धरि किताब मूड़े तरे जात लरिकवा सोय।
 गुरुजी जात लरिकवा सोय।।

प्राइमरी मा जाय हम नाव दीन लिखवाय,
टिचरन का नाकन चना दिहिनि सिवहुं चबवाय।
गुरूजी दिहिनि सिवहुं चबवाय।।

कपड़ा लोहा लाट हम हरदम देइ मगाय,
दुइ महिना बीतति नहीं फारिक देत बहाय।
गुरूजी फारिक देत बहाय।।

लरिकन ते झगड़ा करइ खुदइ बढ़ावइ रारि,
बार बार समझाय कै गे सब टीचर हारि।
गुरूजी गे सब टीचर हारि।।

टीसी लइकय आयगा भा चौगिरदा नाम,
कैसे दसवां पास भा यहिका जानै राम।
गुरूजी यहिका जानै राम।।

©Vineet Kumar

अघवाये हमका बहुत बापु कहि रहा रोय, धरि किताब मूड़े तरे जात लरिकवा सोय। गुरुजी जात लरिकवा सोय।। प्राइमरी मा जाय हम नाव दीन लिखवाय, टिचरन का नाकन चना दिहिनि सिवहुं चबवाय। गुरूजी दिहिनि सिवहुं चबवाय।। कपड़ा लोहा लाट हम हरदम देइ मगाय, दुइ महिना बीतति नहीं फारिक देत बहाय। गुरूजी फारिक देत बहाय।। लरिकन ते झगड़ा करइ खुदइ बढ़ावइ रारि, बार बार समझाय कै गे सब टीचर हारि। गुरूजी गे सब टीचर हारि।। टीसी लइकय आयगा भा चौगिरदा नाम, कैसे दसवां पास भा यहिका जानै राम। गुरूजी यहिका जानै राम।। ©Vineet Kumar

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