उम्मीद का टूट जाना
हमें बेहतर बनाता है
इतना बेहतर
कि हम ख़ामोश हो जाते हैं
एक उम्मीद
जब ख़त्म हो जाये
फ़िर बोलने की
कोई वजह ही नहीं रहती
चुप हो जाना बुरा नहीं है
मगर जब सीने में शोर हो
होठों पर चुप्पी हो…
यकीन मान लेना
हम मर रहे हैं ,
बेहद ख़ामोशी से
आहिस्ता आहिस्ता हर रोज़
©हिमांशु Kulshreshtha
उम्मीद का टूट जाना...