On the occasion of Janmashtami वस्ल की रात लिखती ह

"On the occasion of Janmashtami वस्ल की रात लिखती हूं,हिज़्र का इज़हार लिखती हूँ। लिखी मैंने मोहब्बत है,हाँ मैं तो प्यार लिखती हूँ। कलम नन्ही है मेरी तो हल्के में मत लेना मुझे क्योंकि... श्याम की राधिका हूँ मैं तो बस श्रृंगार लिखती हूँ।। ✍लेखक राधिका✍"

 On the occasion of Janmashtami वस्ल की रात लिखती हूं,हिज़्र का इज़हार 
लिखती हूँ।
लिखी मैंने मोहब्बत है,हाँ मैं तो प्यार 
लिखती हूँ।
कलम नन्ही है मेरी तो हल्के में मत लेना मुझे क्योंकि...
श्याम की राधिका हूँ मैं तो बस श्रृंगार 
लिखती हूँ।।
                      ✍लेखक राधिका✍

On the occasion of Janmashtami वस्ल की रात लिखती हूं,हिज़्र का इज़हार लिखती हूँ। लिखी मैंने मोहब्बत है,हाँ मैं तो प्यार लिखती हूँ। कलम नन्ही है मेरी तो हल्के में मत लेना मुझे क्योंकि... श्याम की राधिका हूँ मैं तो बस श्रृंगार लिखती हूँ।। ✍लेखक राधिका✍

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