दोस्ती करना और निभाना आता है, दोस्त,
जान तो नहीं और ना दोलत है ,लुटाने को,
मेरे दोस्त, तुम्हारे गम को खुशी मैं बदलने की कोशिश है मेरी दोस्त,
ऐ दोस्त तुम्हारी, आँखों से जब भी बहे आसु,
तो खुशी के हो, दुःख के आँसू गिर ना पाए कभी, दीपक की ज्योति का प्रकाश रहे जीवन मैं हमेशा, तुम से बढ़कर कोई दोस्त नहीं हो दूजा.
©Sumit Mahajan
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