माँ दिलो अज़ीज़ है वो मुझे जान से भी ज़्यादा मोहब्बत | हिंदी शायरी

"माँ दिलो अज़ीज़ है वो मुझे जान से भी ज़्यादा मोहब्बत है उससे हर अंजाम से भी ज़्यादा नन्ही उंगलियां पकड़ कर उसी ने चलना सिखाया था ज़ख्मो पर मरहम उसी ने लगाया था खुशकिस्मत हूँ मेरे नसीब में है तू हर ग़म हो फना गर छू ले तू रहे तेरा साथ हमेशा मेरे साथ इल्तिजा करता हूँ सर पर रहे तेरा हाथ समंदरों सी खुशियां दूँ तुझको रब का शुक्रिया उसने दिया तुझको मुझको"

 माँ दिलो अज़ीज़ है वो मुझे जान से भी ज़्यादा
मोहब्बत है उससे हर अंजाम से भी ज़्यादा
नन्ही उंगलियां पकड़ कर उसी ने चलना सिखाया था
ज़ख्मो पर मरहम उसी ने लगाया था
खुशकिस्मत हूँ मेरे नसीब में है तू
हर ग़म हो फना गर छू ले तू
रहे तेरा साथ हमेशा मेरे साथ
इल्तिजा करता हूँ सर पर रहे तेरा हाथ
समंदरों सी खुशियां दूँ तुझको
रब का शुक्रिया उसने दिया तुझको मुझको

माँ दिलो अज़ीज़ है वो मुझे जान से भी ज़्यादा मोहब्बत है उससे हर अंजाम से भी ज़्यादा नन्ही उंगलियां पकड़ कर उसी ने चलना सिखाया था ज़ख्मो पर मरहम उसी ने लगाया था खुशकिस्मत हूँ मेरे नसीब में है तू हर ग़म हो फना गर छू ले तू रहे तेरा साथ हमेशा मेरे साथ इल्तिजा करता हूँ सर पर रहे तेरा हाथ समंदरों सी खुशियां दूँ तुझको रब का शुक्रिया उसने दिया तुझको मुझको

#माँ

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