चलो, अब उठ भी जाओ
देखो कितने काम पड़े है..
अरे ? अभी तक नही उठे !
सुनो, जो ख़्वाब तुम अभी
जिन बंध आंखों से देख रहे हो न !
क्या उसे पूरा नही करना चाहोगे ?
अगर नही , तो ठीक है,
अब नही उठाउंगी..
जी लेना तुम इन्ही ख्वाबो में !
चलती हुँ
~ लि." तेरी ज़िन्दगी"