ओस की बूंदे है, आंख में नमी है ना उपर आसमां है ना | हिंदी शायरी

"ओस की बूंदे है, आंख में नमी है ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है ये कैसा मोड है जिन्‍दगी का जो लोग खास है उन्‍की की कमी हैं ©chhagan singh"

 ओस की बूंदे है, आंख में नमी है
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है जिन्‍दगी का
जो लोग खास है उन्‍की की कमी हैं

©chhagan singh

ओस की बूंदे है, आंख में नमी है ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है ये कैसा मोड है जिन्‍दगी का जो लोग खास है उन्‍की की कमी हैं ©chhagan singh

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