न दिखे अगर तू महफ़िल में मुझको तो तुझे मेरी आँखे ढूंढेंगी जरूर।
जिस मतलब के लिए तूने हाथ मिलाया , मैं तेरा वो काम करूँगा जरूर।
बदनाम न करूँगा तुझे , न दुनिया को बताऊंगा क्या है तेरा कसूर.....
मगर न अब रखूंगा तुझसे कोई वास्ता .... और न कभी आऊंगा लौट के तेरी ओर।।।