Dear papa
हमेशा संग मेरे रहना, बिन आपके ना कुछ कर पाऊंगा
चलूंगा तो आगे लेकिन फिर भी
पीछे रह जाऊंगा
घबराता नहीं हूं किसी से, ना किसी से मैं डरता हूं
बिन आपके ना जाने क्यों आज भी चलने से मैं सहम जाता हूं
ढाल हो आप इस नादान की इसी बात का फक्र मैं करता हूं
बस शायद इसी बात से ज़रा सा मैं डरता हूं
बिना इस ढाल के कैसे सामना मैं किसी का कर पाऊंगा
कैसे किसी को बात अपनी मैं समझा पाऊंगा
फसता हूं कही जब आज भी तो यही मैं कहता हूं
पापा को ये अच्छा नहीं लगता मेरे
और बस बच निकलता हूं
फिर कहाँ से ये ढाल मैं मेरी लाऊंगा
साथ होंगे आप मेरे तो पर्वत भी मैं तोड़ लाऊंगा
बिन आपके तो एक कदम भी मैं ना चल पाऊंगा
पापा मेरे
हमेशा संग रहना मेरे , बिन आपके ना कुछ मैं कर पाऊंगा
©राज कुमार आसोपा