कितना मुश्किल होता है ना,
सचमुच कितना मुश्किल होता है ना
किसी के लिए दुनिया छोड़ देना,
और फिर दुनिया के लिए उसको छोड़ देना |
कितना मुश्किल होता है ना
किसी को अपना बनाना,
और फिर अपनों के लिए उस अपने को छोड़ देना|
कितना मुश्किल होता है ना
पहले पत्थर को दिल बनाना,
और फिर दिल को पत्थर बना देना|
कितना मुश्किल होता है ना
किसी अपने का सपना सजाना,
और फिर उस अपने का सपना हो जाना|
कितना मुश्किल होता है ना
किसी अपने के लिए हद से गुजर जाना,
और फिर उसे अपनी हद समझाना|
कितना मुश्किल होता है ना
पहले दिल लगाना,
और फिर दिल के मामले में दिमाग को उलझाना,
सचमुच कितना मुश्किल होता है ना
- रफ्ता जोगी!