आज के समय में भी हमारे घर की नारी कमज़ोर है यानी हम, हमारी काबिलियत, हमारे आदर्श, संस्कार, आधुनिक युग, परिवार, अपनेपन की भावना सभी कमज़ोर है।
मॉडर्न & तकनीकी &आधुनिक युग के युवा?
Hahaha...😒
बचपन से जवानी, जीवन के हर पग पर नारी को कम आंका कम बताया,खुद पर भरोसा न करना सिखाया, चुप रहना, बुराई सहना सिखाया, घर के काम इसकी राजनीति में उलझाया, बेटियों का आत्मविश्वास आत्मसम्मान छोटी छोटी बातो से तोड़ा, कभी उनका साथ न दिया, केवल अक्षर ज्ञान दिया वो भी न जाने किस तरह,
समाज रीति रिवाज परंपरा संस्कार मर्यादा से जकड़ा इन्सान केवल जिंदा रह जाए तो भी जीवन की महानतम उलपब्धि होती है।
अगर खुद को ज्यादा काबिल मानते है पिता भाई और बाकी आदमी तो बेटियों को अपने बराबर आत्म विश्वास काबिलियत देकर फिर करे मुकाबला, ये क्या बात हुई कि अपाहिज संग दौड़ लगाते हो और मैं काबिल मैं महान का खुद ही राग अलापते हो।😊🤭