"पिता"
हुई जब मेरी संतान तो पता चला।
फूल से बच्चे को उठने पर,भार का पता चला।।
होती है नींद पिता को भी प्यारी।
रात को रोते बच्चे को सुलाने मैं पता चला।।
छोड़ना आसान होगा बच्चे को फिर।
स्कूल मैं रोते हुए छोडा तो पता चला।।
आनाकानी की थी पिता की बाते मानने मैं।
अपने पर बीती वही बात तो पता चला।।
होती है संतान ही दुनिया मैं सबसे प्यारी।
पिता बनने पर ही,
पिता होने की हकीकत का पता चला।
निधीश सोलंकी
©Nidhish Solanki