ये जों चादर की सिलवटें है,
आज फिर पूछती है।
क्यूं आज फिर उसे याद कर रहे हो?
मैने चादर के जवाब को अनदेखा किया।
और करवट बदल कर सो गयी,
तुम वहा भी नही रुके और उस तरफ भी याद आये।
घड़ी की आवाज़ जब सुनाई देती है तो वो बताती है,
कि तुम अकेली रह गयी हो अब।
मै अपने तकिये को समझती हुँ कि मुझे नींद आ गयी है।
चादर की सिलवटें तुम्हारी याद और गहरा कर देती है।
.
.
.
©Madhyamika
#Nojoto
#Love