बोझ बनकर दूसरों के क्यों अँधेरे में जियें, अप

"बोझ बनकर दूसरों के क्यों अँधेरे में जियें, अपने हिस्से का हमें सूरज उगाना चाहिए. आर. एस. डी. 'चातक' 12-11-2022 ©Peeyush"

 बोझ  बनकर  दूसरों के  क्यों  अँधेरे में  जियें,
अपने हिस्से  का  हमें  सूरज  उगाना चाहिए.

आर. एस. डी. 'चातक'
12-11-2022

©Peeyush

बोझ बनकर दूसरों के क्यों अँधेरे में जियें, अपने हिस्से का हमें सूरज उगाना चाहिए. आर. एस. डी. 'चातक' 12-11-2022 ©Peeyush

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