कितनों की निगाहों से उतरे हुए है हम
पहले भी तो इस राह से गुज़रे हुए है हम
अब के इस सफर में यही फर्क है हुआ
दरख़्त चल रहा है और ठहरे हुए हैं हम
कितनों की निगाहों से उतरे हुए है हम ,
पहले भी तो इस राह से गुज़रे हुए है हम .!
अब के इस सफर में यही फर्क हुआ है ..
दरख़्त चल रहा है और ठहरे हुए हैं हम ..!!