परिंदो से गुलजार था जो चमन कभी, | हिंदी शायरी Video

" परिंदो से गुलजार था जो चमन कभी, रोज सजता है अब हुस्न का बाजार वहाँ ©Kamlesh Kandpal "

परिंदो से गुलजार था जो चमन कभी, रोज सजता है अब हुस्न का बाजार वहाँ ©Kamlesh Kandpal

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