समझदारी..
क्या दिल और दिमाग की एक खूबसूरत साझेदारी..
पर इस साझेदारी में क्यों लगती है उम्र सारी..
हम चुनते हैं.. खुशियाँ बिना समझदारी से..
क्योंकि कहते हैं.. समझदारी में ही टूट जाती है ये साझेदारी..
फिर सही गलत में फंसती है ये दुनिया सारी,
और करती है अपने नाम ना जाने कितनी परेशानी..
क्यों समझदारी का नाम ही है साझेदारी..
बिना इस साझेदारी के क्यों कुछ भी नही है समझदारी..
©Kamya Tripathi
#Feeling