White मनहरण घनाक्षरी :-
खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब
गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये ।
देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी ,
मम्मी पापा आप बने , खुशियाँ मनाइये ।
नेक चार बुआ फूफा , पाये हैं खूब तोहफ़ा ,
खुशी-खुशी बिटिया पे, प्यार तो लुटाइये ।
मंगल ही मंगल हो , न अब अमंगल हो ,
बिटिया को ऐसा सब , आशीष दे जाइये ।।१
नहीं मोल भाव कर , व्यर्थ न सवाल कर ,
आँख मूँद रिश्तें यहाँ, चलिये निभाइये ।
कौन गोरा कौन काला , कौन धनी कौन ग्वाला
यह तो संसार प्यारे , हमें न बताइये ।
स्वार्थ से तू परा नहीं , किसमें ये भरा नहीं,
राम जी की नैय्या यह , खेव के दिखाइये ।
आप हम और नहीं , निश्चित ही ठौर नहीं,
चलते रहिये फिर , नही भरमाइये ।।२
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :-
खूब गीत गाओ सब , ढोल भी बजाओ सब
गुडिय़ा रानी घर आयी , लड्डू बटवाइये ।
देख मग्न भाई सभी , दादी-दादा ताई सभी ,
मम्मी पापा आप बने , खुशियाँ मनाइये ।
नेक चार बुआ फूफा , पाये हैं खूब तोहफ़ा ,
खुशी-खुशी बिटिया पे, प्यार तो लुटाइये ।