White मेरे कुछ राज़ जिन्हें, अल्फ़ाज़ की बहुत ज़रूरत | हिंदी Shayari

"White मेरे कुछ राज़ जिन्हें, अल्फ़ाज़ की बहुत ज़रूरत रही..! आँखों में सजे ख़्वाबों में, किसी और की सूरत रही..! ज़ोर चला न चाहतों पे अपनी, मोहब्बत की कैसी ये हुकूमत रही..! ख़ुद की निग़ाह में चाह कर भी, रूह बड़ी बेग़ैरत रही..! ख़ूबसूरती का बख़ान करे जुबान, क़ीमती ज़रा भी न सीरत रही..! जिस्मों के ख़रीदार देख यूँ ज़माने में, ज़िन्दगी को अज़ीब हैरत रही..! ©SHIVA KANT(Shayar)"

 White  मेरे कुछ राज़ जिन्हें,
अल्फ़ाज़ की बहुत ज़रूरत रही..!

आँखों में सजे ख़्वाबों में,
किसी और की सूरत रही..!

ज़ोर चला न चाहतों पे अपनी,
मोहब्बत की कैसी ये हुकूमत रही..!

ख़ुद की निग़ाह में चाह कर भी,
रूह बड़ी बेग़ैरत रही..!

ख़ूबसूरती का बख़ान करे जुबान,
क़ीमती ज़रा भी न सीरत रही..!

जिस्मों के ख़रीदार देख यूँ ज़माने में,
ज़िन्दगी को अज़ीब हैरत रही..!

©SHIVA KANT(Shayar)

White मेरे कुछ राज़ जिन्हें, अल्फ़ाज़ की बहुत ज़रूरत रही..! आँखों में सजे ख़्वाबों में, किसी और की सूरत रही..! ज़ोर चला न चाहतों पे अपनी, मोहब्बत की कैसी ये हुकूमत रही..! ख़ुद की निग़ाह में चाह कर भी, रूह बड़ी बेग़ैरत रही..! ख़ूबसूरती का बख़ान करे जुबान, क़ीमती ज़रा भी न सीरत रही..! जिस्मों के ख़रीदार देख यूँ ज़माने में, ज़िन्दगी को अज़ीब हैरत रही..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#Merekuchraaz

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