White फेफड़ों में जब धुआं भर जाता है, जीवन का हर | हिंदी कविता

"White फेफड़ों में जब धुआं भर जाता है, जीवन का हर रंग फीका पड़ जाता है। हवा की ताजगी महसूस नहीं होती, हर सांस में दर्द की एक लहर होती। कभी उजाले की किरणें नज़र आती हैं, कभी अंधेरों में खोई सी सांसें होती हैं। जीवन की इस जंग में हिम्मत न हारो, हर मुश्किल में खुद को संभालो। कैंसर को हराने का संकल्प लो तुम, स्वस्थ जीवन की राह पकड़ो तुम। सांसों की कीमत समझो, धुआं त्यागो, नई उम्मीदों के साथ, जीवन फिर से जागो। ©Sandeep Lucky Singh"

 White फेफड़ों में जब धुआं भर जाता है,
 जीवन का हर रंग फीका पड़ जाता है।

हवा की ताजगी महसूस नहीं होती, 
हर सांस में दर्द की एक लहर होती।

कभी उजाले की किरणें नज़र आती हैं, 
कभी अंधेरों में खोई सी सांसें होती हैं।

जीवन की इस जंग में हिम्मत न हारो, 
हर मुश्किल में खुद को संभालो।

कैंसर को हराने का संकल्प लो तुम, 
स्वस्थ जीवन की राह पकड़ो तुम।

सांसों की कीमत समझो, धुआं त्यागो, 
नई उम्मीदों के साथ, जीवन फिर से जागो।

©Sandeep Lucky Singh

White फेफड़ों में जब धुआं भर जाता है, जीवन का हर रंग फीका पड़ जाता है। हवा की ताजगी महसूस नहीं होती, हर सांस में दर्द की एक लहर होती। कभी उजाले की किरणें नज़र आती हैं, कभी अंधेरों में खोई सी सांसें होती हैं। जीवन की इस जंग में हिम्मत न हारो, हर मुश्किल में खुद को संभालो। कैंसर को हराने का संकल्प लो तुम, स्वस्थ जीवन की राह पकड़ो तुम। सांसों की कीमत समझो, धुआं त्यागो, नई उम्मीदों के साथ, जीवन फिर से जागो। ©Sandeep Lucky Singh

यहाँ फेफड़ों के कैंसर पर एक कविता है। #lung_cancer #viral #Nojoto #sandeeplguru #Like #Comment #shree

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