कई ठहरी हुई थी कुछ पलो से उस सफ़र से बेपरवाह जो | हिंदी Quotes

"कई ठहरी हुई थी कुछ पलो से उस सफ़र से बेपरवाह जो हकीकत होने वाला है कभी न जाने कैसे कब यहां। । ©Shubha"

 कई  ठहरी हुई थी कुछ  पलो से 
उस सफ़र से बेपरवाह जो 
हकीकत होने वाला है कभी
न जाने कैसे कब यहां। ।

©Shubha

कई ठहरी हुई थी कुछ पलो से उस सफ़र से बेपरवाह जो हकीकत होने वाला है कभी न जाने कैसे कब यहां। । ©Shubha

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