वक्त नहीं लगता अपनों के हाथों से टूटते फिर चाहे हम | हिंदी Shayari Vid

"वक्त नहीं लगता अपनों के हाथों से टूटते फिर चाहे हम पत्थर के क्यों न हो पर हम तो कांच के थे क्या पैसा रुपया ही जरुरत है क्या भावनाओं की‌ कोई कद्र नहीं सम्मान जरुरी नहीं क्या केवल‌ दूसरे का अपमान ही जरुरी है ©Neelesh "

वक्त नहीं लगता अपनों के हाथों से टूटते फिर चाहे हम पत्थर के क्यों न हो पर हम तो कांच के थे क्या पैसा रुपया ही जरुरत है क्या भावनाओं की‌ कोई कद्र नहीं सम्मान जरुरी नहीं क्या केवल‌ दूसरे का अपमान ही जरुरी है ©Neelesh

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#hateness #goodwill #safar

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