क्या करीशमा है कुदरत का ,कौन यहा किसका होता है
हर साथी यहा बडा हसीन होता है
छुट जाते है कुछ पल जिदंगी के वक्त के तूफान मे
जिनको तशवीर मे सजाना होता है
पलट कर देखते है बिते लम्हो मे,
बच्चपन का लडकपन ही मिलता है
साथ खेले ,बडे हो गये वक्त पे
छुट गयी नदानी उम्र के पडाव मे
भाई नही तूझे हमने अपना बाप समझा है इस जहान मे
बस मिलते नही निशान यहा,
तेरे " प्रेंम " के मेरे आसमान मे !!
रौद कर सारी अपनी गलतीया ,
बैठा हू अपने अधूरे मकान मे
सिने से लगाये रखा है तेरी खामोशी को ,
तू कितना नासूर हो गया इस जहान मे
क्या करीशमा है कुदरत का ,कौन यहा किसका होता है
हर साथी यहा बडा हसीन होता है ||
आपका " प्रेंम "
MP 50 BALAGHAT ❤️वाले
(शहजादे उकवा की गलियो के )
©PREM LOVE GURU PREM KOUSHIK
#premloveguru