फ़क़त चंद लम्हों में ज़िन्दगी में सैराब आ चुका था. | हिंदी शायरी Video
"फ़क़त चंद लम्हों में ज़िन्दगी में सैराब आ चुका था...
मेरे सामने था वो जो मुझसे बहुत दूर जा चुका था...
वो इस कदर मेरी बाजुओं में सिमट कर रोया था "दास्तां",
मैं भूल गया था कि वो मुझे ठुकरा कर जा चुका था...
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फ़क़त चंद लम्हों में ज़िन्दगी में सैराब आ चुका था...
मेरे सामने था वो जो मुझसे बहुत दूर जा चुका था...
वो इस कदर मेरी बाजुओं में सिमट कर रोया था "दास्तां",
मैं भूल गया था कि वो मुझे ठुकरा कर जा चुका था...