उमड़ घुमड़ कर देखो बदरा आया । रिमझिम बारिश की फुहा | हिंदी कविता

"उमड़ घुमड़ कर देखो बदरा आया । रिमझिम बारिश की फुहार लाया । बदरा की देखो यह कैसी छाया । यह तो देखो प्रकृति की है माया । गर्मी और बारिश ने खूब शैतानी मचाई । इसलिए देखो बदरा रानी गरज दिखाई । बिजली ने तड़क कर अपनी अकड़ दिखाई । बदरा रानी ने भी क्रोध की ज्वाला दिखाई । बदरा द्वारा प्रकृति की सुंदरता निखर आई । बारिश की बूंदों से खेतों की फसल लहराई । सर सर कर हवाओं को लेकर बदरा आई । देखो इस पर प्रकृति से पेड़ पौधे मुस्कुराई । गरज बरस जब अभी देखो बदरा आई । बदरा भी हर मौसम में अपनी रंग दिखाई । इंद्रधनुष भी बादल में खूबसूरती से समाई । चिड़ियों ने पतंग की तरह बदरों में छाई । ©Priyanka Thakur"

 उमड़ घुमड़ कर देखो बदरा आया ।
रिमझिम बारिश की फुहार लाया ।

बदरा की देखो यह कैसी छाया ।
यह तो देखो प्रकृति की है माया ।

गर्मी और बारिश ने खूब शैतानी मचाई ।
इसलिए देखो बदरा रानी गरज दिखाई ।

बिजली ने तड़क कर अपनी अकड़ दिखाई ।
बदरा रानी ने भी क्रोध की ज्वाला दिखाई ।

बदरा द्वारा प्रकृति की सुंदरता निखर आई ।
बारिश की बूंदों से खेतों की फसल लहराई ।

सर सर कर हवाओं को लेकर बदरा आई ।
देखो इस पर प्रकृति से पेड़ पौधे मुस्कुराई ।

गरज बरस जब अभी देखो बदरा आई ।
बदरा भी हर मौसम में अपनी रंग दिखाई ।

इंद्रधनुष भी बादल में खूबसूरती से समाई ।
चिड़ियों ने पतंग की तरह बदरों में छाई ।

©Priyanka Thakur

उमड़ घुमड़ कर देखो बदरा आया । रिमझिम बारिश की फुहार लाया । बदरा की देखो यह कैसी छाया । यह तो देखो प्रकृति की है माया । गर्मी और बारिश ने खूब शैतानी मचाई । इसलिए देखो बदरा रानी गरज दिखाई । बिजली ने तड़क कर अपनी अकड़ दिखाई । बदरा रानी ने भी क्रोध की ज्वाला दिखाई । बदरा द्वारा प्रकृति की सुंदरता निखर आई । बारिश की बूंदों से खेतों की फसल लहराई । सर सर कर हवाओं को लेकर बदरा आई । देखो इस पर प्रकृति से पेड़ पौधे मुस्कुराई । गरज बरस जब अभी देखो बदरा आई । बदरा भी हर मौसम में अपनी रंग दिखाई । इंद्रधनुष भी बादल में खूबसूरती से समाई । चिड़ियों ने पतंग की तरह बदरों में छाई । ©Priyanka Thakur

#SunSet

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