ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि बाज़ार और संसार | हिंदी विचार

"ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि बाज़ार और संसार की फितरत का कोई हिसाब नहीं, दर और दौर कब बदल जाए ये इन्सानों के बस में नहीं ।"

 ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि 

बाज़ार और संसार की फितरत का कोई हिसाब नहीं,
दर और दौर कब बदल जाए ये इन्सानों के बस में नहीं ।

ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि बाज़ार और संसार की फितरत का कोई हिसाब नहीं, दर और दौर कब बदल जाए ये इन्सानों के बस में नहीं ।

People who shared love close

More like this

Trending Topic