White कुछ अधूरे अफसाने कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ | हिंदी कविता

"White कुछ अधूरे अफसाने कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए । जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।। हर मोड़ पर तेरी याद आती रही ,और ये दिल भी यु ही तड़पाती रही । हमेशा की तरह ये सिलसिले भी, मेरी तो अधूरे रह गए ।। मेरे हर लफ्ज़ में बसी थी , तेरे हर उस प्यार की मिठास । लेकिन हम उस मुकाम तक ,तुम तक कभी पहुँच भी न सके ।। तुमसे जहाँ मिलना था, वहीं तेरी यादें रह सी गईं । वो शामें, वो बातें, फिज़ाओं में अफसाने अधूरे रह गए ।। मेरे इन ख्वाबों में तेरा चेहरा ,मुझे आज भी सजीव सा लगता है । पर हकीकत में तो ,मुझे आज भी तेरी कमी दिल को यु चुभती है ।। हर पल का साथ तेरा चाहा था , पर वो मेरे नसीब न हुआ । हमारे प्यार के , इस ज़माने मे अधूरे रह गए ।। कुछ किस्से है जो , अपने इस दिल में दबाकर रखे थे । अचानक दूरी से उन्हें जताने मे, वो अधूरे रह गए ।। कुछ मेरी भी अधूरे अफसाने है ,मेरे इस दिल में बसे रह गए । जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।। // प्रेम का इंतज़ार कर ते , यु अपनी जान के लिए // ©बेजुबान शायर shivkumar"

 White कुछ अधूरे अफसाने 

कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए । 
जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।।

हर मोड़ पर तेरी याद आती रही ,और ये दिल भी यु ही तड़पाती रही ।
हमेशा की तरह ये सिलसिले भी,  मेरी तो अधूरे रह गए ।।

मेरे हर लफ्ज़ में बसी थी , तेरे हर उस प्यार की मिठास ।
लेकिन हम उस मुकाम तक ,तुम तक कभी पहुँच भी न सके ।।

तुमसे जहाँ मिलना था, वहीं तेरी यादें रह सी गईं ।
वो शामें, वो बातें, फिज़ाओं में अफसाने अधूरे रह गए ।।

मेरे इन ख्वाबों में तेरा चेहरा ,मुझे आज भी सजीव सा लगता है ।
पर हकीकत में तो ,मुझे आज भी तेरी कमी दिल को यु चुभती है ।।

हर पल का साथ तेरा चाहा था , पर वो मेरे नसीब न हुआ ।
हमारे प्यार के , इस ज़माने मे अधूरे रह गए ।।

 कुछ किस्से है जो , अपने इस दिल में दबाकर रखे थे ।
अचानक दूरी से उन्हें जताने मे,  वो अधूरे रह गए ।। 

कुछ मेरी भी अधूरे अफसाने है ,मेरे इस दिल में बसे रह गए ।
जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।।

// प्रेम का इंतज़ार कर ते , यु अपनी जान के लिए //

©बेजुबान शायर shivkumar

White कुछ अधूरे अफसाने कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए । जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।। हर मोड़ पर तेरी याद आती रही ,और ये दिल भी यु ही तड़पाती रही । हमेशा की तरह ये सिलसिले भी, मेरी तो अधूरे रह गए ।। मेरे हर लफ्ज़ में बसी थी , तेरे हर उस प्यार की मिठास । लेकिन हम उस मुकाम तक ,तुम तक कभी पहुँच भी न सके ।। तुमसे जहाँ मिलना था, वहीं तेरी यादें रह सी गईं । वो शामें, वो बातें, फिज़ाओं में अफसाने अधूरे रह गए ।। मेरे इन ख्वाबों में तेरा चेहरा ,मुझे आज भी सजीव सा लगता है । पर हकीकत में तो ,मुझे आज भी तेरी कमी दिल को यु चुभती है ।। हर पल का साथ तेरा चाहा था , पर वो मेरे नसीब न हुआ । हमारे प्यार के , इस ज़माने मे अधूरे रह गए ।। कुछ किस्से है जो , अपने इस दिल में दबाकर रखे थे । अचानक दूरी से उन्हें जताने मे, वो अधूरे रह गए ।। कुछ मेरी भी अधूरे अफसाने है ,मेरे इस दिल में बसे रह गए । जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।। // प्रेम का इंतज़ार कर ते , यु अपनी जान के लिए // ©बेजुबान शायर shivkumar

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कुछ अधूरे अफसाने

कुछ अधूरे अफसाने भी ,कुछ दिल में बसे रह गए ।
जिन्हें तुम कभी लिख न पाए ,हम वो किस्से बनकर रह गए ।।

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