कि अक्सर कहते सुना है लोगों को कि अक्सर कहते सुना

"कि अक्सर कहते सुना है लोगों को कि अक्सर कहते सुना है लोगों को कि प्रेम गर सच्चा हो तो किसी में दम नहीं तोड़ पाने को कि पुरी कायनात लग जाती है सच्चे युगल को हर हाल में मिलाती है शायद हमारा अंदाजा गलत है या लोगों का कहना गलत है? गर इतनी ही सच हैं वो कही हुई बातें तो फिर क्यों रो रोकर कटी उनकी रातें क्यों अधूरी सी रह गई उनकी मुलाकातें आखिर क्यों पूरे नहीं हुए उनके वादे किसी और की नहीं ये बात है सीता राम की,जी हां ये बात है राधे श्याम की ये बात है जगत के विधाता शिव और सती की एक अधूरी सी कहानी है हीर और रांझा की ना जाने कितनी ऐसी ही कहानिया ना जाने कितने ऐसे किरदार इस समाज के लिए दे गए कुर्बानियां अधूरा सा रह गया उनका भी किरदार बस इनको देख कर ही मन में आया एक सवाल क्या गलत हैं लोगो के विचार यदि इतना ही सच्चा है प्रेम तो क्यों उनकी तस्वीरें बन गई फ्रेम ©srashti sachan"

 कि अक्सर कहते सुना है लोगों को
कि अक्सर कहते सुना है लोगों को
कि प्रेम गर सच्चा हो तो
किसी में दम नहीं तोड़ पाने को

कि पुरी कायनात लग जाती है
सच्चे युगल को हर हाल में मिलाती है
शायद हमारा अंदाजा गलत है
या लोगों का कहना गलत है?

गर इतनी ही सच हैं वो कही हुई बातें
तो फिर क्यों रो रोकर कटी उनकी रातें
क्यों अधूरी सी रह गई उनकी मुलाकातें
आखिर क्यों पूरे नहीं हुए उनके वादे

किसी और की नहीं ये बात है
सीता राम की,जी हां ये बात है राधे श्याम की
ये बात है जगत के विधाता शिव और सती की
एक अधूरी सी कहानी है हीर और रांझा की

ना जाने कितनी ऐसी ही कहानिया
ना जाने कितने ऐसे किरदार
इस समाज के लिए दे गए कुर्बानियां
अधूरा सा रह गया उनका भी किरदार

बस इनको देख कर ही मन में आया एक सवाल
क्या गलत हैं लोगो के विचार
यदि इतना ही सच्चा है प्रेम
तो क्यों उनकी तस्वीरें बन गई फ्रेम

©srashti sachan

कि अक्सर कहते सुना है लोगों को कि अक्सर कहते सुना है लोगों को कि प्रेम गर सच्चा हो तो किसी में दम नहीं तोड़ पाने को कि पुरी कायनात लग जाती है सच्चे युगल को हर हाल में मिलाती है शायद हमारा अंदाजा गलत है या लोगों का कहना गलत है? गर इतनी ही सच हैं वो कही हुई बातें तो फिर क्यों रो रोकर कटी उनकी रातें क्यों अधूरी सी रह गई उनकी मुलाकातें आखिर क्यों पूरे नहीं हुए उनके वादे किसी और की नहीं ये बात है सीता राम की,जी हां ये बात है राधे श्याम की ये बात है जगत के विधाता शिव और सती की एक अधूरी सी कहानी है हीर और रांझा की ना जाने कितनी ऐसी ही कहानिया ना जाने कितने ऐसे किरदार इस समाज के लिए दे गए कुर्बानियां अधूरा सा रह गया उनका भी किरदार बस इनको देख कर ही मन में आया एक सवाल क्या गलत हैं लोगो के विचार यदि इतना ही सच्चा है प्रेम तो क्यों उनकी तस्वीरें बन गई फ्रेम ©srashti sachan

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