प्यार में ग़र दर्द ना मिले और रुसवाई ना हो.. वो इश् | हिंदी शायरी
"प्यार में ग़र दर्द ना मिले और रुसवाई ना हो..
वो इश्क़, इश्क़ ही क्या जिसमें जुदाई ना हो..
वैसे तो वो हर रिश्ता तोड़ कर गया था..SAchin
मगर ऐसा कोई दिन नहीं तेरी याद आई ना हो.."
प्यार में ग़र दर्द ना मिले और रुसवाई ना हो..
वो इश्क़, इश्क़ ही क्या जिसमें जुदाई ना हो..
वैसे तो वो हर रिश्ता तोड़ कर गया था..SAchin
मगर ऐसा कोई दिन नहीं तेरी याद आई ना हो..