यूं ही नहीं झूठी मुस्कान लिए फिरता हूं किसी अपने न | हिंदी कविता Video

"यूं ही नहीं झूठी मुस्कान लिए फिरता हूं किसी अपने ने जख्म दिया है साहब तभी तो ये चोट के निशान लिए फिरता हूं। अब मौत का भी डर नहीं लगता मुझे तभी तो हथेली पर जान लिए फिरता हूं।। अधूरा राज☹️☹️☹️✍️ ©कवि राज राजस्थानी "

यूं ही नहीं झूठी मुस्कान लिए फिरता हूं किसी अपने ने जख्म दिया है साहब तभी तो ये चोट के निशान लिए फिरता हूं। अब मौत का भी डर नहीं लगता मुझे तभी तो हथेली पर जान लिए फिरता हूं।। अधूरा राज☹️☹️☹️✍️ ©कवि राज राजस्थानी

#City #kavi रविन्द्र 'गुल' ek shayar @Inswinge @hukmaram

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