आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात । कुछ तो हद है

"आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात । कुछ तो हद है आख़िर कब तक होगी ये बरसात । प्यार-मोहब्बत, इश्क़-ओ-वफ़ा के इंसानी जज़्बात, मुफ़्त मिले हैं हमको, हम भी बाँटेंगे ख़ैरात । सूरज को गन्दा करने का देख रहे हैं ख़्वाब, आँधी के झोंके में ज़र्रे भूल गए औक़ात । कुछ अंगारे इसने डाले कुछ डाले उसने, मुझको जला कर सेंक रहे हैं दोनों अपने हाथ । इस दुनिया में मैनें देखी हैं दो दुनियाएँ, इक दुनिया में दिन होता है इक दुनिया में रात । ©Hans gunjal"

 आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात ।
कुछ तो हद है आख़िर कब तक होगी ये बरसात ।

प्यार-मोहब्बत, इश्क़-ओ-वफ़ा के इंसानी जज़्बात,
मुफ़्त मिले हैं हमको, हम भी बाँटेंगे ख़ैरात ।

सूरज को गन्दा करने का देख रहे हैं ख़्वाब,
आँधी के झोंके में ज़र्रे भूल गए औक़ात ।

कुछ अंगारे इसने डाले कुछ डाले उसने,
मुझको जला कर सेंक रहे हैं दोनों अपने हाथ ।

इस दुनिया में मैनें देखी हैं दो दुनियाएँ,
इक दुनिया में दिन होता है इक दुनिया में रात ।

©Hans gunjal

आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात । कुछ तो हद है आख़िर कब तक होगी ये बरसात । प्यार-मोहब्बत, इश्क़-ओ-वफ़ा के इंसानी जज़्बात, मुफ़्त मिले हैं हमको, हम भी बाँटेंगे ख़ैरात । सूरज को गन्दा करने का देख रहे हैं ख़्वाब, आँधी के झोंके में ज़र्रे भूल गए औक़ात । कुछ अंगारे इसने डाले कुछ डाले उसने, मुझको जला कर सेंक रहे हैं दोनों अपने हाथ । इस दुनिया में मैनें देखी हैं दो दुनियाएँ, इक दुनिया में दिन होता है इक दुनिया में रात । ©Hans gunjal

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