हमें कौन समझे यह निर्भर रहेगा
हमने किस को समझाया बहुत है
कौन मेरे हिस्से के मसायल समझे
किसने मेरे हिस्से में निभाया बहुत है
हम अकेले रहेंगे और मरेंगे बहुत जल्द
हमारे अपने कहे जाने वालों ने बताया बहुत है
टकटकी लगाना सही नहीं वक्त पर
वक्त बेहतर नहीं रहा इसने उलझाया बहुत है
क्षणिक सुख है प्रेम का या फिर छलावा है
प्रेम ने दरअसल प्रेमियों को रूलाया बहुत है
©Rahul Yadav
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