आज़ादी है सबको प्यारी
पर किसी की नजरों से बच ना पाएँगे
आज़ाद होकर हम घूम फिर ना पाएँगे
हर कोई नज़रें है जमाए हुए
आज़ादी छीने को
कैदी बनाकर रखने को
कुछ ग़लत ना हो जाए साथ हमारे
बच बच के चलते हैं हम
आज़ाद हैं कहाँ हर किसी से डरते हैं हम
©Prabhat Kumar
#प्रभात