ये बात और है!
हम चल ना सके!
ज़माने के साथ!
कोशिश बहुत की!
कभी लड़खड़ा कर!
कभी सम्हाल कर!
हर कदम बढ़ा कर!
वक़्त थम गया!
एक सवाल पर!
क्या तुमसे हो पायेगा!
तुम्हारे बिखराव को!
समेट पाना!
या हमेशा की तरह!
फिर बिखर जाओगे!
कभी ना कभी ना
सिमट जाने को
©Ranu Shukla
#achievement