जीवन कु जब हिसाब देखि। मनख्यो मा मनख्यात देखि।। | हिंदी कविता

"जीवन कु जब हिसाब देखि। मनख्यो मा मनख्यात देखि।। पतझड़ देखी मोह -फागुन कु सर्या धरती कंगाल छे जु। डाली बोटीयू मे मोल्यार देखि रंग बिरँगा होली होल्यार छा जु।। जीवन कु जब हिसाब देखि... अदगद मे पोड्या स्कूल्या देखि साल भरी मेहनत का बारा सोचना छा जु। जेठ -अषाड़ कि धाणी देखि दिनभर सैरा पुंगड्यू लग्या छा जु। जीवन कु जब हिसाब देखि..... सोण-भादो दणमण बरखा घसेनी देखि। चुकपट कुहेड़ी बसग्याल गदिना भिज्या गात घास गड़ोली लेकि आणा छा जु।। जीवन कु जब हिसाब देखि.... हियूंद कु हपराण देखि, गलड्यो मा बुबराण देखि बग्वाल -इगास कु आण-जाण देखि नयु ब्योली कु शर्माण देखि दयों देवतो मा धुपा कु धुपयाण देखि तो देवतो-मनख्यो का रूसाण अर मनाण देखि जीवन कु जब हिसाब देखि। मनख्यो मा मनख्यात देखि।। ©Chandna Gusain"

 जीवन कु जब हिसाब देखि।
मनख्यो मा मनख्यात देखि।।

 पतझड़ देखी मोह -फागुन कु 
सर्या धरती कंगाल छे जु।
डाली बोटीयू मे मोल्यार देखि  
रंग बिरँगा होली होल्यार  छा जु।।

जीवन कु जब हिसाब देखि...

अदगद मे पोड्या स्कूल्या देखि 
साल भरी मेहनत का बारा सोचना छा जु। 
जेठ -अषाड़  कि धाणी देखि 
 दिनभर सैरा पुंगड्यू लग्या छा जु।

 जीवन कु जब हिसाब देखि.....

सोण-भादो दणमण बरखा घसेनी देखि।
चुकपट कुहेड़ी बसग्याल गदिना भिज्या गात घास गड़ोली लेकि आणा छा जु।।

 जीवन कु जब हिसाब देखि....

हियूंद कु हपराण देखि, गलड्यो मा बुबराण देखि 
बग्वाल -इगास कु आण-जाण देखि 
नयु ब्योली कु शर्माण देखि 
दयों देवतो मा धुपा कु धुपयाण देखि 
तो देवतो-मनख्यो का रूसाण अर मनाण देखि 


जीवन कु जब हिसाब देखि।
मनख्यो मा मनख्यात देखि।।

©Chandna Gusain

जीवन कु जब हिसाब देखि। मनख्यो मा मनख्यात देखि।। पतझड़ देखी मोह -फागुन कु सर्या धरती कंगाल छे जु। डाली बोटीयू मे मोल्यार देखि रंग बिरँगा होली होल्यार छा जु।। जीवन कु जब हिसाब देखि... अदगद मे पोड्या स्कूल्या देखि साल भरी मेहनत का बारा सोचना छा जु। जेठ -अषाड़ कि धाणी देखि दिनभर सैरा पुंगड्यू लग्या छा जु। जीवन कु जब हिसाब देखि..... सोण-भादो दणमण बरखा घसेनी देखि। चुकपट कुहेड़ी बसग्याल गदिना भिज्या गात घास गड़ोली लेकि आणा छा जु।। जीवन कु जब हिसाब देखि.... हियूंद कु हपराण देखि, गलड्यो मा बुबराण देखि बग्वाल -इगास कु आण-जाण देखि नयु ब्योली कु शर्माण देखि दयों देवतो मा धुपा कु धुपयाण देखि तो देवतो-मनख्यो का रूसाण अर मनाण देखि जीवन कु जब हिसाब देखि। मनख्यो मा मनख्यात देखि।। ©Chandna Gusain

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#उत्तराखण्डी_कविता

पहाड़ो मे जीवन जीने के हिसाब से बानी यह कविता जरूर पढ़े।

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