"थोड़ी पागल सी थोड़ी ज्यादा हीं समझदार
बे- सबअब हसती है वो खुद से ही वफादार
टुटे रिश्ते है कुछ उसके उनमें ही खोई रहती
रिश्तोंकी अहमियत जानती उमदा सलाहगार
अदब, तहज़ीब और सादगी ऐसी है रिवायती
उसकी असली मिलकियत है उसका किरदार
शिकायतें करना उसे शायद पता ही नहीं है
चुप चाप सहती ,अब बनीं खुद कि गुनाहगार
बस हो जाये उसकी हर दिल-ए-ख्वाहिश पूरी
मिल जाए मेरी ??? को दुनिया भर का प्यार
तेरा मेरा साथ ज़िन्दगी भर का वादा
©SURYAKANT_KASHI
"