एक बार खुद को उसकी जगह रहकर देखिए सब समझ सकते है। जानना समझना जरूरी है। उसके बिना हम किसी को नहीं जान सकते और ना ही किसी को समझ सकते है।
बाकी तो अपने अपने विचार है जितने दिमाग उतने विचार। शास्त्र का अध्ययन करे और फिर समझे और एक सही गुरु का चुनाव करें।