किसी दिन वो सुबह हो ईश्वर मेरे धुंध हो, ठंड हो, रा | हिंदी कविता

"किसी दिन वो सुबह हो ईश्वर मेरे धुंध हो, ठंड हो, रास्ता हो हाथों में हाथ उनका हो हो चाय का कप हाथ मे बातें भी हो खूब साथ मे ट्रैन में गुजारे हम पूरी रात एक दूजे की छुवन के साथ किसी वक्त तो ऐसा हो मंजिले एक ना भी हो रास्ता तो एक जैसा हो ओ ईश्वर मेरे किसी दिन तो वो सुबह हो ©KUHU"

 किसी दिन वो सुबह हो
ईश्वर मेरे
धुंध हो, ठंड हो, रास्ता हो
हाथों में हाथ उनका हो

हो चाय का कप हाथ मे
बातें भी हो खूब साथ मे
ट्रैन में गुजारे हम पूरी रात
एक दूजे की छुवन के साथ

 किसी वक्त तो ऐसा हो
मंजिले एक ना भी हो
रास्ता तो एक जैसा हो
ओ ईश्वर मेरे किसी दिन तो वो सुबह हो

©KUHU

किसी दिन वो सुबह हो ईश्वर मेरे धुंध हो, ठंड हो, रास्ता हो हाथों में हाथ उनका हो हो चाय का कप हाथ मे बातें भी हो खूब साथ मे ट्रैन में गुजारे हम पूरी रात एक दूजे की छुवन के साथ किसी वक्त तो ऐसा हो मंजिले एक ना भी हो रास्ता तो एक जैसा हो ओ ईश्वर मेरे किसी दिन तो वो सुबह हो ©KUHU

#Wintermrng

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